छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। महापौर और अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 7 जनवरी को रायपुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस प्रक्रिया ने आगामी चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रमुख बिंदु:
- आरक्षण प्रक्रिया का उद्देश्य:
छत्तीसगढ़ नगर पालिका (महापौर तथा अध्यक्ष पद का आरक्षण) नियम 1999 के तहत आरक्षण सुनिश्चित कर पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना। - महापौर पद के लिए आरक्षण:
- रायपुर: सामान्य महिला
- भिलाई: अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
- रिसाली: महिला अनुसूचित जाति (SC)
- अंबिकापुर, रायगढ़: अनुसूचित जाति (SC)
- कोरबा: सामान्य महिला
- दुर्ग, बिलासपुर, भिलाई-चरौदा: अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
- महत्वपूर्ण जानकारी:
- रायपुर में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है, जो राजधानी के शहरी विकास और प्रशासन में महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देने का संकेत देता है।
- अन्य नगर निगमों में भी महिला और पिछड़े वर्ग के लिए अवसर सुनिश्चित किए गए हैं।
- पारदर्शिता सुनिश्चित:
प्रक्रिया को सार्वजनिक रूप से आयोजित किया गया, जिसमें नगरीय प्रशासन विभाग, जनप्रतिनिधि और आम जनता उपस्थित रहे।
आगामी कदम:
- आरक्षण प्रक्रिया के बाद, जल्द ही चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।
- महिला उम्मीदवारों की बढ़ती भागीदारी इस चुनाव की एक खास विशेषता हो सकती है।
रायपुर का विशेष महत्व:
राज्य की राजधानी होने के नाते, रायपुर के महापौर का चुनाव राज्य के शहरी प्रशासन और विकास के लिए निर्णायक होगा। इस बार यह पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है, जिससे महिलाओं को नेतृत्व का मौका मिलेगा।
छत्तीसगढ़ की जनता इन चुनावों से शहरी विकास और प्रशासन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रही है।