छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के उमरदा गांव की एनु आज देशभर में “स्कूटी दीदी” के नाम से जानी जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उनके हौसले और कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एनु जैसी बेटियाँ आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की वाहक बन रही हैं।
एनु की प्रेरणादायक यात्रा यह बताती है कि यदि इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा राह नहीं रोक सकती। साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मी एनु ने कठिन हालातों में भी अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने ‘बिहान’ योजना के अंतर्गत सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया, एक लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया और समय पर चुकाकर अनुशासन की मिसाल पेश की।
गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने ‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा। शुरूआत में समाज के तानों का सामना करना पड़ा, लेकिन एनु ने हार नहीं मानी। गांव-गांव जाकर महिलाओं से जुड़ने के प्रयासों ने उन्हें “स्कूटी दीदी” का नाम दिलाया

वर्ष 2023 में उन्होंने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” की स्थापना की, जिसमें अब तक 30 से अधिक महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखाया जा चुका है। इन महिलाओं ने अब खुद स्कूल, बैंक, आंगनबाड़ी और अस्पतालों तक जाना शुरू कर दिया है।
एनु की यह पहल सिर्फ गतिशीलता तक सीमित नहीं रही, बल्कि सामाजिक सोच में भी बड़ा बदलाव लेकर आई। अब गांव के माता-पिता खुद बेटियों को स्कूटी सीखने के लिए भेज रहे हैं। एनु का सपना है कि वे 1000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं और जल्द ही चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू करें।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनु जैसे लोग छत्तीसगढ़ की नई पहचान हैं। राज्य सरकार ‘बिहान’ जैसी योजनाओं के ज़रिए नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। एनु ने ड्राइविंग के साथ-साथ सिलाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों और घरेलू प्रबंधन में भी महिलाओं को दक्ष बनाया है।
एनु के प्रयासों की सराहना केंद्र सरकार ने भी की है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा और धमतरी के कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने उमरदा पहुंचकर एनु से मुलाकात की और उनके कार्यों की प्रशंसा की। मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया पर भी एनु की प्रेरक कहानी साझा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब समाज में बदलाव की अगुवा बन रही हैं, और सरकार हर ऐसे प्रयास को प्रोत्साहित करेगी जो महिला सशक्तिकरण को गति दे।