छत्तीसगढ़ में मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नई पहल की गई है। रायगढ़ जिले की सभी 549 पंचायतों में क्यूआर कोड आधारित प्रणाली शुरू की गई है। इसके जरिए ग्रामीण अब अपने गाँव में पिछले पाँच वर्षों में स्वीकृत व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों की पूरी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे।
सिर्फ स्मार्टफोन से क्यूआर कोड स्कैन करते ही कार्य का विवरण, व्यय और प्रगति की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे ग्रामीणों को न तो पंचायत कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही अधूरी सूचनाओं पर निर्भर रहना होगा।
जिले के रायगढ़, खरसिया, पुसौर, घरघोड़ा, लैलूंगा, तमनार और धरमजयगढ़ ब्लॉकों की पंचायतों में सितंबर से यह सुविधा शुरू की गई है। पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण आसानी से क्यूआर कोड का उपयोग कर सकें।
ग्रामीणों में इस पहल को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। खरसिया ब्लॉक के एक निवासी ने कहा कि – “पहले जानकारी के लिए बार-बार दफ्तर जाना पड़ता था, अब क्यूआर कोड से सब कुछ तुरंत मिल जाएगा। यह हमारे लिए बहुत बड़ी सुविधा है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि रायगढ़ का यह डिजिटल मॉडल अन्य जिलों के लिए भी नजीर बनेगा। इससे योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी, ग्रामीणों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा और सामुदायिक निगरानी मजबूत होगी।
प्रशासन का विश्वास है कि यह पहल सूचना के लोकतंत्रीकरण की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।