मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिला मुख्यालय में आयोजित दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के अधिकारियों की संयुक्त समीक्षा बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने न्यायिक व्यवस्था को अधिक जनहितैषी बनाने के निर्देश दिए और कहा कि दूरस्थ अंचलों में रहने वाले ग्रामीणों को समय पर और सुलभ न्याय दिलाने के लिए न्यायालयों में ऑनलाइन गवाही की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक से न्यायिक प्रक्रिया को सहज और तेज़ बनाया जा सकता है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि यह पहल विशेष रूप से आदिवासी अंचलों के लिए लाभकारी होगी, जहाँ आवागमन की कठिनाइयों के कारण लोग न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते। बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री चैत राम अट्टामी, पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, डीजीपी श्री अरुण देव गौतम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सुशासन तिहार” केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है और तीसरे चरण में वे स्वयं जिलों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में मोदी की गारंटी के वादों को प्राथमिकता से लागू किया गया है, जिससे जनता का विश्वास मजबूत हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग में नक्सल उन्मूलन को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद के समूल अंत का संकल्प लिया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के पुनर्वास, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के लिए योजनाएं संचालित की जाएंगी। एनएमडीसी और निजी क्षेत्र की भागीदारी से प्लेसमेंट कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय अंचलों में स्थानीय संसाधनों के अनुरूप रोजगार के अवसर विकसित किए जाएं। उन्होंने 1460 पंचायतों में शुरू हुए अटल सेवा केंद्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को बैंकिंग जैसी सेवाएं गांव में ही मिलेंगी।
उन्होंने बस्तर की खनिज और वनोपज संपदा का उल्लेख करते हुए खेती-किसानी, सिंचाई, पशुपालन, मछलीपालन और वनोपज प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की बात कही। बस्तर में पर्यटन सुविधाओं के विकास पर जोर देते हुए इसे रोजगार का बड़ा माध्यम बताया।
मुख्यमंत्री ने अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों के जरिए ग्रामीणों को अधिकाधिक सेवाएं उपलब्ध कराने, नियद नेल्लानार योजनांतर्गत सड़क, पुल-पुलिया जैसे विकास कार्यों को गति देने और सभी शासकीय योजनाओं के सेचुरेशन के निर्देश दिए।
बैठक में बीजापुर कलेक्टर ने बताया कि “समर कैंप” और “बाल शिक्षा मित्र” कार्यक्रमों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। दंतेवाड़ा जिले में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षा परिणामों में क्रमशः 10% और 4% की वृद्धि पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत राइस मिल स्थापना पर दी गई रियायतों की जानकारी दी और स्थानीय युवाओं को इससे जोड़ने को कहा। उन्होंने ऊंची भूमि में मक्का की खेती को प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना की जानकारी देते हुए कहा गया कि बस्तर और सरगुजा के गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाएगा। बीजापुर और दंतेवाड़ा कलेक्टरों को रूट चिन्हांकन कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए।
अंत में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से टीम भावना से कार्य करते हुए जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की। डीजीपी श्री अरुण देव गौतम ने भी समन्वयपूर्ण कार्यशैली पर बल दिया।