छत्तीसगढ़ का राजकीय फूल गेंदा (Marigold) है। इसे 27 जनवरी 2023 को राज्य सरकार द्वारा राजकीय फूल के रूप में घोषित किया गया। गेंदा फूल को छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं, संस्कृति और कृषि आधारित समाज में इसके महत्व के कारण चुना गया।
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गेंदा फूल की विशेषताएँ:
- वनस्पति नाम: Tagetes
- परिवार: Asteraceae
- प्रकार: यह एक जड़ी-बूटी वाले पौधों की प्रजाति है, जिसमें सुंदर और चमकीले रंग के फूल होते हैं।
- प्रमुख रंग: पीला, नारंगी, और लाल।
- खासियत: यह सुगंधित और आकर्षक फूल होता है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति में गेंदा का महत्व:
- धार्मिक उपयोग:
- गेंदा फूल का उपयोग पूजा और त्योहारों में विशेष रूप से होता है।
- इसे शुभ और पवित्र माना जाता है।
- सौंदर्य और सजावट:
- गेंदा फूल का उपयोग शादी, त्योहारों और अन्य धार्मिक आयोजनों में सजावट के लिए किया जाता है।
- आर्थिक महत्व:
- गेंदा छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए एक आर्थिक फसल भी है।
- इसे उगाने में कम खर्च और अधिक मुनाफा होता है।
- औषधीय उपयोग:
- इसकी पत्तियों और फूलों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है।
- यह कीटनाशक के रूप में भी कार्य करता है।
राज्य सरकार का उद्देश्य:
छत्तीसगढ़ सरकार ने गेंदा फूल को राजकीय फूल घोषित कर इसकी खेती और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करना है।
उपयुक्त वातावरण:
- गेंदा फूल के लिए गर्म और नम जलवायु उपयुक्त होती है।
- इसे खुले स्थान पर धूप में आसानी से उगाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ के किसानों और समाज के लिए गेंदा न केवल सौंदर्य और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि आर्थिक समृद्धि का एक साधन भी है।