छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) की सुप्रीमो डॉ. रेणु जोगी ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने की इच्छा जाहिर की है।
रेणु जोगी का पत्र और कांग्रेस से उम्मीदें
रेणु जोगी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर विलय की बात कही है। उन्होंने मीडिया को बताया कि उनका और उनकी पार्टी का कांग्रेस से वैचारिक और भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा:
“कांग्रेस ने हमारे परिवार को बहुत कुछ दिया है। हमारी विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है। हम इस फैसले को लेकर आशान्वित हैं।”
रेणु जोगी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से भी इस पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेने का अनुरोध किया है।

जेसीसीजे का सर्वसम्मत निर्णय
जेसीसीजे के प्रवक्ता भगवानु नायक ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति से कांग्रेस में विलय का फैसला लिया है। उन्होंने बताया:
“यह निर्णय लेने के बाद ही पत्र भेजा गया है। अब यह कांग्रेस पार्टी पर निर्भर है कि वह क्या फैसला लेती है।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विलय की चर्चा हो रही है, लेकिन अभी तक पार्टी को आधिकारिक तौर पर कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया:
“अगर ऐसा पत्र हमें मिलता है, तो कांग्रेस आलाकमान इस पर उचित निर्णय लेगा।”
राजनीतिक प्रभाव और आगे की राह
अगर यह विलय होता है, तो छत्तीसगढ़ की राजनीति में इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह फैसला कांग्रेस की छवि को मजबूत कर सकता है और राज्य में उनकी स्थिति को और सुदृढ़ बना सकता है। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला लेता है।
निष्कर्ष
रेणु जोगी का कांग्रेस में विलय की इच्छा व्यक्त करना छत्तीसगढ़ की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और आगे की रणनीति क्या होगी।