छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल बस्तर से एक और सकारात्मक संकेत सामने आया है। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में 1.18 करोड़ रुपये के इनामी 23 नक्सलियों सहित कुल 45 नक्सलियों ने बीते 24 घंटों में आत्मसमर्पण कर लोकतंत्र की मुख्यधारा में लौटने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने बताई यह “विश्वास की जीत”
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस ऐतिहासिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि विश्वास की जीत है। अब बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली गूंज रही है।”
उन्होंने कहा कि यह परिणाम जनहितैषी योजनाओं, बेहतर प्रशासन और सरकार की “नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” का सीधा परिणाम है।
15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
राज्य सरकार के अनुसार, पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा बताता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की पहुंच, विश्वास और नीति की सफलता लगातार बढ़ रही है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा न केवल सुरक्षा और पुनर्वास, बल्कि सामाजिक पुनर्स्थापन और आजीविका के अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
केंद्र और राज्य के समन्वय का परिणाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिवर्तन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे सुशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृढ़ संकल्प का परिणाम है। उन्होंने विश्वास जताया कि
“हमारा प्रदेश निश्चित रूप से तय समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद से मुक्त होगा और बस्तर के हर नागरिक को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।”