भिलाई नगर निगम अब इंदौर की तर्ज पर स्वच्छता अभियान की तैयारी कर रहा है। निगम के 70 पार्षद हाल ही में इंदौर गए थे, जहां उन्होंने शहर की सफाई व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया। अध्ययन के बाद अब भिलाई में भी इंदौर मॉडल लागू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
इंदौर मॉडल से मिली सीख
महापौर नीरज पाल ने बताया कि इंदौर शहर की डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन प्रणाली, होम कम्पोस्टिंग और नागरिक सहभागिता का अध्ययन किया गया है। इंदौर में हर गार्बेज वाहन का संचालन तय समय और निश्चित रूट पर होता है तथा उसकी निगरानी आईसीसीसी कंट्रोल रूम से की जाती है। इससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह व्यवस्थित रहती है।
छह श्रेणियों में कचरे का विभाजन
इंदौर में ज्यादातर घरों से निकलने वाले कचरे को छह श्रेणियों में बांटा जाता है। गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग प्रबंधन होने से न केवल शहर साफ रहता है, बल्कि घरेलू कचरे से खाद बनाने में भी मदद मिलती है।
भिलाई में भी नई पहल की तैयारी
महापौर ने बताया कि भिलाई में भी इंदौर मॉडल को लागू किया जाएगा। लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए जागरूक किया जाएगा और होम कम्पोस्टिंग को बढ़ावा मिलेगा। जल्द ही यहां डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की आधुनिक व्यवस्था लागू की जाएगी।
भिलाई नगर निगम का लक्ष्य है कि इंदौर की तरह नागरिक सहभागिता से स्वच्छता की नई मिसाल कायम की जाए और स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल हो।