रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य में रेगहा (पट्टेदार) और अधिया (बटाईदार) पद्धति से खेती करने वाले किसान भी कृषक उन्नति योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह निर्णय साय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है, जिससे प्रदेश के हजारों सीमांत और लघु किसानों को राहत मिलेगी। कैबिनेट बैठक में कृषक उन्नति योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए यह तय किया गया कि वे किसान, जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समितियों और छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान या धान बीज का उपार्जन किया गया है, उन्हें आदान सहायता राशि दी जाएगी।

कृषक उन्नति योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। इसके तहत किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने, आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने, नवीन कृषि तकनीकों में निवेश और धान उपार्जन के बदले आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। अब तक इस योजना का लाभ केवल भूमि स्वामी किसानों को मिलता था, लेकिन अब इसे पट्टे या बंटाई पर खेती करने वाले किसानों तक भी पहुंचाया जाएगा।

इस निर्णय से राज्य के हजारों भूमिहीन और किरायेदार किसान अब सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है, क्योंकि उनका उद्देश्य हर किसान तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, चाहे वह किसी भी वर्ग का क्यों न हो।