रायपुर। छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत ने एक मंझा हुआ कलाकार खो दिया। लोकप्रिय अभिनेता सलीम अंसारी (68 वर्ष) का निधन हो गया। दर्शकों के बीच ‘सलीम चाचा’ के नाम से मशहूर सलीम ने अपनी सहज अभिनय शैली और हास्य से भरे संवादों से लाखों दिल जीते थे। थिएटर से फिल्मों तक का उनका सफर छत्तीसगढ़ी सिनेमा की धरोहर बन चुका है। उनके निधन की खबर से सिनेमा जगत और प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
सलीम अंसारी का जन्म रायपुर में हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई छत्तीसगढ़ कॉलेज से पूरी की। छात्र जीवन में वे साइकिल स्टैंड भी संभालते थे और शरारती छात्रों के बीच उनका खौफ रहता था। एक सरकारी विज्ञापन में उनका अभिनय इतना प्रभावी था कि वह खूब लोकप्रिय हुआ। सलीम ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं थिएटर से आया हूं। बहुत साल थिएटर किया, फिर एल्बम में काम किया। एल्बम गिने नहीं जा सकते। फिर फिल्मों में आया। लोगों ने मेरे काम को पसंद किया, यही सबसे बड़ा पुरस्कार है।”
अभिनय सफर की शुरुआत 2004 में सलीम ने छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘मया देदे मयारू’ से की। इसके बाद सतीश जैन निर्देशित ‘झन भुलव मां बाप ला’ में उनके रोल ने उन्हें पहचान दिलाई। लगभग 150 फिल्मों में काम करने वाले सलीम ने छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी सहजता और हास्यपूर्ण अभिनय ने हर उम्र के दर्शकों को आकर्षित किया।
सलीम अंसारी के निधन पर छत्तीसगढ़ी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। निर्देशक सतीश जैन ने कहा, “सलीम चाचा हमारे सिनेमा के सितारे थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं होगी।” प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजली सभा की और उनके पसंदीदा संवादों को शेयर किया। सलीम का अंतिम संस्कार रायपुर में ही किया जाएगा।
