रायपुर, 31 जुलाई 2025:
कृषि तथा किसान कल्याण एवं आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने मंगलवार को कांकेर जिले में बालोद, धमतरी और कांकेर के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर कृषि और आदिवासी विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जैविक खेती, कोदो-कुटकी और उन्नत कृषि तकनीकों के प्रति किसानों को जागरूक और प्रेरित करने के निर्देश दिए।
किसानों के हित में जरूरी दिशा-निर्देश:
- बीज एवं उर्वरकों का वितरण किसानों की मांग के अनुसार शीघ्र किया जाए।
- कोदो-कुटकी, मुनगा और ऑयल पॉम जैसी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों को रोजगार से जोड़ा जाए।
- रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को लेकर किसानों को जागरूक किया जाए।
- युवाओं को उद्यानिकी क्षेत्र में रोजगार देने के लिए रिफ्रेशर प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी प्रदान की जाए।
- क्षेत्रीय जलवायु के अनुसार मसाले वाली फसलें अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए।
आदिवासी छात्रावासों के लिए सख्त निर्देश:
श्री नेताम ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को याद दिलाया कि
“आश्रम-छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी आपकी है।”
उन्होंने कहा कि:
- सहायक आयुक्त हर सप्ताह 8-10 छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करें।
- सुरक्षा, स्वच्छता, पेयजल, बिजली और पौधरोपण जैसी सुविधाएं प्राथमिकता पर पूरी की जाएं।
- लंबित और अपूर्ण निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
इस समीक्षा बैठक में विधायक श्री आशाराम नेताम, आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, कांकेर कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत सीईओ श्री हरेश मंडावी, कृषि विभाग के संचालक और राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अजय कुमार अग्रवाल सहित तीनों जिलों के अधिकारी मौजूद रहे।