छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के आखिरी छोर पर बसे सीतागांव में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 27वीं बटालियन ने एक अभिनव और सराहनीय पहल की है। ग्रामीणों की मांग पर ITBP ने गांव में फील्ड पशु चिकित्सालय की स्थापना की है, जहां अब निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
पशुओं के इलाज के लिए अब नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत
अब तक इस दूरस्थ गांव के ग्रामीणों को पशुओं के इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, लेकिन अब ITBP की इस पहल से स्थानीय गाय, बैल, बकरी सहित अन्य पालतू जानवरों का इलाज गांव में ही संभव हो पाएगा। ग्रामीणों को इससे न केवल राहत मिलेगी, बल्कि पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
ITBP का मानवीय चेहरा
ITBP का यह प्रयास सुरक्षा के दायरे से आगे बढ़कर मानवता और सेवा का उदाहरण बनकर सामने आया है। बटालियन के अधिकारियों ने बताया कि यह चिकित्सालय पूरी तरह निशुल्क है और ग्रामीणों के लिए सुलभ बनाया गया है। साथ ही, समय-समय पर पशु स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
ग्रामीणों ने जताया आभार
गांववासियों ने ITBP का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। अब वे अपने मवेशियों का इलाज समय पर करा सकेंगे, जिससे दूध उत्पादन और पशुपालन से जुड़ी आय में भी सुधार होगा।
निष्कर्ष
सीतागांव जैसे सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों में ITBP की यह पहल सामुदायिक सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण है। इससे यह संदेश जाता है कि सुरक्षा बल न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।