रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मंगलवार को मंत्रालय, महानदी भवन में केरल और ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में चर्चा में आए धर्मांतरण प्रकरण पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समरसता को बढ़ावा देने वाला प्रदेश है, जहां सभी धर्मों के लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य
प्रतिनिधिमंडल में केरल से लोकसभा सांसद बेनी बेहनन (चलाकुडी), के. फ्रांसिस जॉर्ज (कोट्टायम), एनके प्रेमचंद्रन (कोल्लम), ओडिशा से सप्तगिरि उल्का (कोरापुट) और केरल विधानसभा सदस्य रोजी एम. जॉन शामिल थे। इस मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने धर्मांतरण से संबंधित मामले की जानकारी साझा की और इस पर सरकार के रुख के बारे में चर्चा की।
कानून की निष्पक्षता पर जोर
मुख्यमंत्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि धर्मांतरण से जुड़े मामले की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में कानून स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रहा है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की बेटियां और सभी नागरिक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।”
छत्तीसगढ़: शांति और समरसता का प्रतीक
सीएम साय ने जोर देकर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सामाजिक सद्भाव और सुरक्षा को बनाए रखना है। किसी भी तरह की अशांति या विवाद को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सभी मामलों में पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जा रही है।
प्रतिनिधिमंडल का दौरा
केरल और ओडिशा के सांसदों का यह दौरा छत्तीसगढ़ में हाल के घटनाक्रमों को समझने और राज्य सरकार के साथ इस मुद्दे पर संवाद स्थापित करने के लिए था। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को राज्य की शांतिप्रिय संस्कृति और सामाजिक एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।