रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य के नगरीय निकायों में ‘आदर्श सुविधा केंद्र’ (Citizen Experience Centres) स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय म्यूनिसिपल शेयर्ड सर्विसेज सेंटर (Municipal Shared Services Centre) के तहत लिया गया है, जो नागरिकों को एक छत के नीचे सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है। पहले चरण में राज्य के सभी 14 नगर निगमों और 55 नगर पालिकाओं में ये केंद्र शुरू किए जाएंगे, जिससे शहरी प्रशासन में पारदर्शिता और सुगमता बढ़ेगी।
डिप्टी सीएम अरुण साव की पहल पर मंजूरी
उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की विशेष पहल पर राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन के संकल्प के अनुरूप यह परियोजना तैयार की गई। साव ने कहा कि ये केंद्र ‘वन स्टेट-वन पोर्टल’ की तर्ज पर काम करेंगे, जहां नागरिकों को जन्म-मृत्यु-विवाह प्रमाण पत्र, व्यापार एवं वेंडिंग लाइसेंस, संपत्ति कर, जल-सीवरेज सेवाएं, शिकायत निवारण और डिजिटल समावेशन जैसी सुविधाएं समयबद्ध रूप से मिलेंगी। इससे प्रशासनिक बाधाएं दूर होंगी और ‘इज ऑफ लिविंग’ में सुधार होगा।
साव ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को धन्यवाद देते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने जोर दिया कि यह पहल नगरीय निकायों को अधिक प्रभावी बनाएगी और समावेशिता को बढ़ावा देगी।
सीएम विष्णु देव साय का आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्र सरकार के इस निर्णय के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सुशासन की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम प्रदेश के हर नागरिक को पारदर्शी, त्वरित और सुगम सेवाएं प्रदान करने के लिए कटिबद्ध हैं। आदर्श सुविधा केंद्र नगरीय जीवन को सरल बनाते हुए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करेंगे।” सीएम ने इसे राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
क्या हैं आदर्श सुविधा केंद्र?
ये केंद्र नगरीय निकायों से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए एकीकृत हब के रूप में कार्य करेंगे। यहां नागरिक प्रमाण पत्र, लाइसेंस, पंजीकरण और शिकायत निवारण जैसी सेवाएं एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकेंगे। राज्य के अन्य पोर्टल जैसे निदान-1100, मोर संगवारी और संपत्ति कर सेवाओं को भी इन केंद्रों से जोड़ा जाएगा। केंद्रों में डिजिटल तकनीक का उपयोग होगा, जो पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाएगा।
सेवाओं का लाभ कैसे मिलेगा?
नागरिकों को सुविधा केंद्र जाकर आवेदन जमा करना होगा। आवेदन की जांच के बाद निर्धारित समयसीमा में निराकरण किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, और राज्य स्तरीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से मॉनिटरिंग होगी। इससे सेवाओं की गुणवत्ता और गति में वृद्धि होगी।
यह परियोजना छत्तीसगढ़ के शहरीकरण को नई दिशा देगी, जहां 69 नगरीय निकायों में लाखों नागरिकों को लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि ये केंद्र न केवल सेवाओं को सरल बनाएं, बल्कि राज्य को डिजिटल शासन का मॉडल भी स्थापित करें।