रायपुर। छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले चरण में 4,708 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं। कुल 5,000 पदों में से यह भर्ती पहले चरण के अंतर्गत की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय की घोषणा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुछ महीने पहले धमतरी में आयोजित सुशासन तिहार के दौरान शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया था। अब उसी घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि “हर स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है, और इसके लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक है।”
राज्य सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में 30,000 शिक्षकों की भर्ती करने का है, जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाया जा सके।
तीन श्रेणियों में होंगे पद
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, इस भर्ती में व्याख्याता (Lecturer), शिक्षक (Teacher) और सहायक शिक्षक (Assistant Teacher) — तीनों श्रेणियों के पद शामिल होंगे। विभाग ने भर्ती का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और प्रक्रिया को जल्द अंतिम रूप देने की तैयारी है।
भर्ती परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) को सौंपी जाएगी। व्यापम जल्द परीक्षा कार्यक्रम और आवेदन प्रक्रिया की तिथि घोषित करेगा।
पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
अधिकारियों ने बताया कि इस बार चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाएगा। पिछली भर्तियों के अनुभवों से सीख लेते हुए, प्रक्रिया में जरूरी सुधार किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी तरह का कानूनी विवाद न हो।
तीन साल बाद मिली नियुक्ति की सौगात
प्रदेश में यह भर्ती लगभग तीन साल बाद शुरू की जा रही है। पिछली सरकार ने करीब 14 हजार पदों की घोषणा की थी, लेकिन केवल 10 हजार पदों पर ही नियुक्तियां हो पाई थीं। अब इस नई भर्ती से हजारों युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
अभ्यर्थियों में उत्साह का माहौल
सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं में इस घोषणा से जबरदस्त उत्साह है। राज्य के विभिन्न जिलों में बीएड और डीएड धारक अभ्यर्थी लंबे समय से इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहले नई नियुक्तियां पूरी कर ली जाएं ताकि स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से शुरू हो सके।

