मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड की विद्यालयों में नई रौनक लौट आई है। वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे कई विद्यालयों में अब शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था सशक्त हुई है।
खरसिया विकासखंड की 29 एकल शिक्षकीय और शिक्षकविहीन शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। प्राथमिक शाला धांगरपारा सरवानी, जहाँ लंबे समय से शिक्षक नहीं थे, अब दो शिक्षकों की तैनाती के बाद बच्चों की पढ़ाई उत्साहपूर्वक शुरू हो चुकी है।
सिर्फ प्राथमिक ही नहीं, बल्कि उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था भी इससे सुदृढ़ हुई है। हाईस्कूल पामगढ़, छोटे मूड़पार और नगरपालिका कन्या हायर सेकेंडरी विद्यालय में विषयवार व्याख्याताओं की पदस्थापना से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो रही है। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के सैकड़ों विद्यालयों में आवश्यकता अनुरूप शिक्षकों की तैनाती से छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हुआ है।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत यह प्रक्रिया लागू की है, जिससे दूरस्थ, आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन स्थापित हुआ है।
पालकों और छात्रों ने जताया आभार
युक्तियुक्तकरण से पालकों और विद्यार्थियों में उत्साह का माहौल है। ग्राम कोलम चितवाही के पालकों ने शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय से जिस बदलाव की प्रतीक्षा थी, वह अब पूरी हो गई है।
पालक श्री महेश अगरिया ने बताया कि उनकी दोनों बेटियाँ शासकीय विद्यालय में पढ़ती हैं। पहले शिक्षकों की कमी से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी, लेकिन अब नियमित कक्षाओं और विषयवार पढ़ाई से पढ़ाई में सुधार हुआ है। वहीं छात्राओं ने कहा कि अब सभी कक्षाएँ नियमित रूप से लग रही हैं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
