रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी खेल प्रतिभा को निखारने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा बस्तर ओलंपिक-2025 की तैयारियां तेजी से तेज हो रही हैं। उपमुख्यमंत्री एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव ने मंगलवार को नवा रायपुर के विश्राम भवन में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों और बस्तर संभाग के सभी जिला खेल अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजन की समीक्षा की। उन्होंने विकासखंड स्तर से संभाग स्तर तक सभी व्यवस्थाओं को समय से पहले पूरा करने के सख्त निर्देश दिए, ताकि यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय स्तर पर सफल हो, बल्कि पूरे देश में बस्तर की खेल क्षमता का प्रतीक बने।
साव ने स्पष्ट किया कि बस्तर ओलंपिक अब मात्र एक स्थानीय इवेंट नहीं रहा, बल्कि इसकी प्रसिद्धि राष्ट्रीय स्तर पर फैल चुकी है। “यह आयोजन बस्तर के युवाओं को आत्मविश्वास, अनुशासन और एकता का संदेश देगा, साथ ही शासन की जन-केंद्रित नीतियों का जीवंत उदाहरण बनेगा,” उन्होंने कहा। बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग की सचिव यशवंत कुमार, संचालक तनूजा सलाम, उप संचालक रश्मि ठाकुर तथा खेल अधिकारी गिरीश शुक्ला भी मौजूद रहीं। जिला खेल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 22 सितंबर से शुरू हुए पंजीकरण अभियान में अब तक 3 लाख 9 हजार से अधिक युवाओं ने अपनी सहभागिता दर्ज की है। जिला-वार ब्रेकअप में कांकेर से 42,228, कोंडागांव से 43,333, दंतेवाड़ा से 44,395, नारायणपुर से 46,074, बस्तर से 52,312, बीजापुर से 40,437 तथा सुकमा से 40,830 प्रतिभागी शामिल हैं। यह संख्या बस्तर के ग्रामीण इलाकों में खेलों के प्रति उमड़ते उत्साह को दर्शाती है। पंजीकरण प्रक्रिया 20 अक्टूबर तक चलेगी, जिसके बाद कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

साव ने पंजीकरण की प्रगति पर संतोष जताते हुए कम पंजीकरण वाले विकासखंडों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने के आदेश दिए। उन्होंने ग्राम पंचायतों से लेकर हाट-बाजारों तक प्रचार को मजबूत बनाने पर बल दिया। दीवार लेखन, मशाल यात्राएं, पोस्टर-बैनर वितरण तथा पैंफलेट्स के माध्यम से जागरूकता फैलाने की योजनाओं की समीक्षा की गई। विशेष रूप से, पुरुषों की भागीदारी महिलाओं से कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए जिला अधिकारियों को लक्षित प्रयास करने को कहा। “हर गांव से कम से कम एक प्रतिनिधि खिलाड़ी सुनिश्चित हो,” उन्होंने जोर देकर कहा।
बस्तर ओलंपिक-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा: विकासखंड स्तर पर 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक, जिला स्तर पर 5 से 15 नवंबर तक तथा संभाग स्तर पर 24 से 30 नवंबर तक। कुल मिलाकर एक माह से अधिक समय तक चलने वाले इस खेल महाकुंभ में 11 विविध खेल शामिल हैं—एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल तथा रस्साकशी। जूनियर वर्ग (14-17 वर्ष, बालक-बालिका) और सीनियर वर्ग (महिला-पुरुष, बिना आयु सीमा) में स्पर्धाएं होंगी।
आयोजन की खासियत यह है कि नक्सल हिंसा में दिव्यांग हुए व्यक्ति और आत्मसमर्पित पूर्व नक्सली सीधे संभाग स्तर पर पुरुष एवं महिला वर्ग में भाग लेंगे। इससे उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का सुनहरा मौका मिलेगा। साव ने फुटबॉल, हॉकी तथा वॉलीबॉल जैसे लोकप्रिय खेलों में पंजीकरण बढ़ाने पर जोर दिया। विभागीय बजट के अलावा जिला कलेक्टरों से सीएसआर फंड्स के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाने के निर्देश दिए।

उपमुख्यमंत्री ने खेल मैदानों की मैपिंग, भोजन-आवास, यातायात, प्राथमिक चिकित्सा तथा निर्णायकों-रेफरियों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। “सभी व्यवस्थाएं समय से पहले पूरी हों, ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो,” उन्होंने कहा। राष्ट्रीय स्तर के निर्णायकों की नियुक्ति तथा प्रमुख राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्रेरणा के रूप में आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए। विकासखंड स्तरीय आयोजनों (25 अक्टूबर से शुरू) के लिए जिलों को तत्काल तैयारी पूरी करने को कहा गया।
यह आयोजन न केवल खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि बस्तर के युवाओं को सकारात्मक दिशा प्रदान कर सामाजिक एकीकरण को मजबूत करेगा। शुभंकर ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ के साथ व्यापक प्रचार से आयोजन की चमक और बढ़ेगी। साव ने अधिकारियों से कहा कि बस्तर ओलंपिक के माध्यम से राज्य सरकार की ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहलों को मजबूत करें, ताकि बस्तर के छिपे रत्न राष्ट्रीय पटल पर चमकें।