बालोद। भारतीय बौद्ध महासभा जिला बालोद द्वारा 21 सितम्बर 2025 को अनागारिक धम्मपाल जी की जयंती एवं महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन के अवसर पर भव्य आमसभा और धम्म रैली का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिले सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बौद्ध समाजजन एकत्र हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध वंदना से हुई। इसके पश्चात् अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए और महाबोधि महाविहार को गैर-बौद्धों से मुक्त कराने की मांग रखी। मंच पर राष्ट्रीय ट्रस्टी आयु. अलका ताई बोरकर, प्रदेश अध्यक्ष आयु. भोजराज गौरखेड़े, प्रदेश महासचिव आयु. बेनीराम गायकवाड एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष आयु. नीलकंठ सिंगाड़े मुख्य रूप से उपस्थित थे। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि महाबोधि विहार बौद्ध धरोहर है और इसे बौद्ध समाज को ही सौंपा जाना चाहिए।

दोपहर 2 बजे आमसभा के उपरांत विशाल धम्म रैली निकाली गई। यह रैली शहर के विभिन्न वार्डों से गुजरते हुए तहसील कार्यालय पहुंची। रैली के दौरान “सबकी एक ही आवाज, मुक्त हो गैर-बौद्ध से महाबोधि विहार” के नारों से वातावरण गूंज उठा। तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा जिला बालोद अध्यक्ष आयु. दिलीप मेश्राम, महासचिव आयु. कमलकांत रामटेके, प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष हेमंत कानडे, दल्ली राजहरा से आयु. अशोक बम्बेश्वर, संस्था के पूर्व अध्यक्ष आयु. वामनराव वानखेड़े, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र मेश्राम, सुशील जामवन्ते सहित जिले के सभी ब्लॉक अध्यक्ष, महिला मंडल और अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

महिला मंडल की ओर से आयु. नीता कमल रामटेके, संगीता वैद्य, संगीता बोरकर, ज्योत्सना मेश्राम, कमला पाटील और अमिला रामटेके ने सक्रिय भागीदारी की। दल्ली राजहरा नगर पालिका की पार्षद आयु. अरुणा ताई रामटेके की उपस्थिति रही
इस प्रकार बालोद में बौद्ध समाज ने एकजुट होकर महाबोधि महाविहार को बौद्ध समाज को वापस दिलाने का संकल्प दोहराया।