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अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में एक गड्ढा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वार्ड क्रमांक 2 में स्थित यह गड्ढा इतना “विशेष” है कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और कोर्ट तक हो चुकी है—फिर भी नगर निगम इसे भर नहीं पाया। अब निगम ने इसका जवाब कुछ इस तरह दिया है, जिसे सुनकर कोई भी चौंक जाएगा: “गड्ढा तभी भरेगा, जब 700 करोड़ रुपए मिलेंगे!”
क्या है मामला?
अंबिकापुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 2 में अमृत मिशन योजना के तहत एक ठेकेदार ने सड़क पर बड़ा गड्ढा खोद दिया था, जबकि इसी सड़क का निर्माण मात्र दो माह पहले फरवरी 2023 में हुआ था। निर्माण के तुरंत बाद ही गड्ढा खोद दिए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
शुरुआत में नगर निगम आयुक्त से शिकायत की गई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शिकायत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची। निगम ने कलेक्टर को जवाब देते हुए दावा किया कि गड्ढा भर दिया गया है—जबकि ज़मीन पर स्थिति अब भी वैसी ही बनी हुई है।
लोक अदालत भी बनी मूकदर्शक
इसके बाद मामला स्थानीय लोक अदालत तक गया। वहां भी निगम के अधिकारियों ने गड्ढा भरने की बात दोहराई, लेकिन महीनों बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। अब जब दोबारा शिकायत की गई, तो निगम ने जवाब में कहा कि “सड़कों की मरम्मत और अन्य विकास कार्यों के लिए 700 करोड़ रुपए मांगे गए हैं, और जब ये फंड आएंगे तभी गड्ढा भरा जाएगा।”
जनता का सवाल: 700 करोड़ सिर्फ एक गड्ढे के लिए?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जवाब मज़ाक से कम नहीं है। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वाकई एक गड्ढे को भरने के लिए 700 करोड़ की ज़रूरत है या यह सिर्फ जिम्मेदारी से बचने का एक तरीका है?
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी जानबूझकर लापरवाही बरत रहे हैं और गड्ढा खोदने वाले ठेकेदार या उसके कर्मचारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
महापौर का दावा: 18 करोड़ चाहिए, लेकिन फंड नहीं
अंबिकापुर नगर निगम की महापौर मंजूषा भगत का कहना है कि शहर की सड़कों की मरम्मत के लिए 18 करोड़ रुपए की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सड़कों के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं, लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया जा सका है। जैसे ही फंड मिलता है, काम शुरू कर दिया जाएगा।
बरसात से पहले नहीं हुआ सुधार, तो फिर सालभर भुगतेगी जनता
अब बड़ा सवाल यह है कि बरसात से पहले अगर सड़कों की हालत नहीं सुधारी गई, तो आने वाले महीनों में यह समस्या और भयावह हो सकती है। हर साल बरसात में जलभराव, गड्ढों और जर्जर नालियों से जनता परेशान होती है—और इस बार हालात पहले से भी बदतर हो सकते हैं।