मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज़ देश के इतिहास का सबसे बड़ा प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी अपनी दूरसंचार इकाई जियो इन्फोकॉम की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 52,200 करोड़ रुपये (6 अरब डॉलर) जुटाने की योजना बना रही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से औपचारिक रूप से बातचीत शुरू की है ताकि वह न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक हिस्सेदारी के नियम से छूट प्राप्त कर सके। कंपनी का तर्क है कि भारतीय शेयर बाजार इतनी बड़ी हिस्सेदारी को एक साथ समाहित करने के लिए तैयार नहीं है।
अगर SEBI से छूट मिल जाती है तो यह IPO 2025 की शुरुआत में लॉन्च किया जा सकता है। इससे पहले Hyundai India ने 28,000 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम लाया था, जिसे यह प्रस्तावित IPO पीछे छोड़ देगा।
जियो इन्फोकॉम ने 2016 में बेहद सस्ते डेटा प्लान के साथ टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री की थी और देखते ही देखते 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हो गई।
यह IPO, मेटा और गूगल जैसे बड़े वैश्विक निवेशकों को बाहर निकलने का रास्ता भी देगा, जिन्होंने 2020 में जियो प्लेटफॉर्म्स में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया था।
हालांकि, सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना से कुछ निवेशक नाखुश हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि छोटे स्तर की पेशकश के कारण कुछ निवेशकों में असंतोष भी देखा जा रहा है, जो बड़े स्तर की निकासी की उम्मीद कर रहे थे।
अब सभी की निगाहें रिलायंस की आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) पर टिकी हैं, जो अगस्त में हो सकती है। माना जा रहा है कि AGM में जियो के IPO को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।