भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को देश की बैंकिंग व्यवस्था को झटका देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सीआरआर (कैश रिज़र्व रेशियो) में 100 आधार अंकों की कटौती कर इसे 4% से घटाकर 3% कर दिया है। इस कदम से बैंकों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी मिली है, जिससे उन्हें कर्ज बांटने और निवेश के लिए और ताकत मिल गई है।
गवर्नर ने बताया कि यह कटौती चार चरणों में लागू की जाएगी ताकि तरलता का सुचारू संचार हो सके। इसके अलावा, रेपो दर में भी 50 आधार अंकों की कटौती कर दी गई है, जो अब 5.5% हो गई है। इससे कर्ज सस्ता होगा और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
👉 सीआरआर में कटौती का मतलब है कि अब बैंक हर 100 रुपए की जमाराशि पर सिर्फ 3 रुपए रिज़र्व रखेंगे। बाकी पैसा कर्ज देने और निवेश में लगाया जा सकेगा।
👉 रेपो दर में कटौती से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की EMI में राहत मिलेगी।
👉 बैंकों की फंडिंग लागत घटेगी, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और कर्ज देने की क्षमता भी बढ़ेगी।
‘ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश’ का जिक्र क्यों?
कम्प्लीट सर्कल कंसल्टेंट्स के सीआईओ ने सोशल मीडिया पर RBI के फैसले को ‘ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश एक साथ एक्टिव’ बताते हुए एक बहुआयामी हमले की तरह बताया। यानी RBI ने नीतिगत दरों और तरलता पर एक साथ प्रहार कर दिया है, ताकि इकोनॉमी को पूरी ताकत मिले।
कौन-कौन होगा फायदा?
🏠 घर खरीदने वालों को सस्ता होम लोन मिलेगा
🚗 ऑटो और पर्सनल लोन भी सस्ते होंगे
🏢 रियल एस्टेट और छोटे व्यवसायों को भी राहत मिलेगी
💼 बैंकों को भी मुनाफा बढ़ेगा, जिससे शेयर बाजार में पॉजिटिव असर देखने को मिल सकता है।
आरबीआई का यह कदम देश की आर्थिक ग्रोथ को पंख देने के लिए ‘आक्रामक समर्थन’ के तौर पर देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में इसका असर रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर कॉरपोरेट वर्ल्ड तक महसूस किया जाएगा।