नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सड़क पर खड़ी लेम्बोर्गिनी कार पर दो सांड कूदते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि एक सांड कार के बोनट और छत पर छलांग लगाता है और गाड़ी को नुकसान पहुंचाता है। वीडियो को देखकर आम लोग इसे असली समझकर हैरान और परेशान हो गए। हालांकि, इस वायरल वीडियो की असलियत कुछ और ही है।
वीडियो को जब रिवर्स सर्च किया गया, तो पता चला कि यह एआई (Artificial Intelligence) की मदद से बनाया गया कंटेंट है। इसे सोशल मीडिया अकाउंट्स @aikalaakari और @imagineart.creators पर भी देखा गया, जो इसी तरह के एआई जनरेटेड वीडियो बनाने के लिए जाने जाते हैं।
वीडियो में सांडों और लेम्बोर्गिनी का मुकाबला देखने में बेहद रियल लगता है, लेकिन यह केवल डिजिटल क्रिएशन है। इसके बावजूद कई यूजर्स ने इसे असली मानते हुए प्रतिक्रियाएं दी। एक यूज़र ने लिखा, “एआई बेकाबू हो रहा है, आप कह रहे हैं कि विंडस्क्रीन इतनी मजबूत थी कि वह बैल का वजन भी संभाल सकती थी।”
एक अन्य यूज़र ने कहा, “यह दिखाता है कि भारतीय एआई का इस्तेमाल कैसे करते हैं और लोगों की सोच को कैसे प्रभावित करता है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे एआई-जनरेटेड वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं और कई बार लोगों को भ्रमित कर देते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वायरल कंटेंट को बिना पुष्टि किए साझा करना जोखिम भरा हो सकता है।

इस वायरल वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचाया, लेकिन असली संदेश यह है कि एआई तकनीक अब इतनी उन्नत हो चुकी है कि रियल और फेक के बीच की रेखा लगभग मिट चुकी है।