अक्षय डाहट रायपुर AJCL 2025 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में क्रिकेट का रोमांच चरम पर था, जब त्रिसरण विकास समिति और बौद्ध युवा संघ 11 आमने-सामने भिड़े। मैच का हर ओवर, हर डिलीवरी दर्शकों की धड़कनों को तेज कर रहा था और आखिरकार बौद्ध युवा संघ ने एक बेहद करीबी मुकाबले में 10 रन से बाज़ी मार ली।
टॉस और बल्लेबाज़ी का रोमांच
टॉस की बाज़ी त्रिसरण विकास समिति ने जीती और गेंदबाज़ी का फैसला लिया। बौद्ध युवा संघ ने शुरुआती ओवरों में थोड़ा संभलकर खेला लेकिन फिर बैटिंग गियर बदला और रन मशीन चालू हो गई। कप्तान प्रफुल्ल मेश्राम ने फ्रंट से लीड करते हुए नाबाद 27 रन की कप्तानी पारी खेली। वहीं वैभव पाटील ने सिर्फ 13 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 19 रन जड़े
हालांकि त्रिसरण की बॉलिंग यूनिट ने रन ब्रेक लगाए — प्रशांत गजभिए की यॉर्कर और गुडलेंथ गेंदों ने 3 विकेट चटकाए। कुणाल हंटर की शॉर्ट-पिच गेंदें भी भारी पड़ीं और उन्होंने भी 3 शिकार किए। बौद्ध युवा संघ की टीम 10 ओवर में 87 रन बनाकर आउट हुई।
रन चेज़ में डगमगाई त्रिसरण की बैटिंग लाइन
लक्ष्य छोटा था लेकिन मैदान पर गेंदबाज़ी का कहर अलग ही लेवल का था। त्रिसरण विकास समिति की शुरुआत से ही विकेट गिरते रहे — पावरप्ले में बैटिंग फ्लॉप शो और रनरेट का प्रेशर दोनों ने मिलकर टीम की नींव हिला दी।

एक छोर पर शुभम ने शानदार 30 रन बनाकर पारी को थामे रखा, लेकिन दूसरे छोर से विकेटों की झड़ी लगी रही। अंततः पूरी टीम 77 रन पर सिमट गई और 10 रन से हार का सामना करना पड़ा।
बौद्ध युवा संघ की गेंदबाज़ी बनी जीत की असली कुंजी
मैच की असली स्क्रिप्ट गेंदबाज़ों ने लिखी। सागर बड़ोले की इनस्विंग और बाउंसर ने 3 विकेट चटकाए। वैभव पाटील ने अपनी कसी हुई लाइन लेंथ से 3 विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच बने। प्रभात गडपाल ने मिडिल ओवर्स में रन रोकते हुए 1 विकेट लिया। लेकिन क्लाइमेक्स आया आखिरी ओवर में, जहाँ अक्षय डाहट ने 3 गेंदों में सिर्फ 1 रन देकर 2 विकेट उड़ा दिए और जीत की मुहर लगा दी।

अब निगाहें फाइनल पर टिकी
इस जबरदस्त जीत के साथ बौद्ध युवा संघ ने फाइनल में अपनी सीट पक्की कर ली है। उनके इरादे साफ हैं — ट्रॉफी उठानी है! अब देखना ये है कि फाइनल में कौन उनकी चुनौती को टक्कर देगा।