रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने महज 12 घंटे में एक ऐसी रणनीति अपनाई जिसने न केवल अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप को हैरान कर दिया, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया। रूस ने इस बार भारत की तरह संतुलित कूटनीति का सहारा लेते हुए एक नया कदम उठाया, जिससे वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है।
पुतिन की नई रणनीति क्या है?
रूस ने हाल ही में भारत की तरह बहुपक्षीय और संतुलित विदेश नीति को अपनाने का संकेत दिया है। पुतिन की यह नीति पश्चिमी देशों के लिए एक कड़ा संदेश मानी जा रही है। उन्होंने न केवल अपने पारंपरिक सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत किए, बल्कि उन देशों की ओर भी हाथ बढ़ाया, जिनसे अब तक रूस का तालमेल सीमित था।
ट्रंप और अमेरिका क्यों रह गए हैरान?
- अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं, लेकिन पुतिन ने भारत के ‘स्ट्रैटेजिक इंडिपेंडेंस’ मॉडल से प्रेरणा लेकर अपने कूटनीतिक विकल्पों को बढ़ा दिया।
- रूस ने 12 घंटे के भीतर कई अहम आर्थिक और रक्षा समझौते किए, जिससे पश्चिमी देशों की रणनीति पर असर पड़ा।
- अमेरिका को उम्मीद थी कि रूस वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ जाएगा, लेकिन नई नीति ने इस धारणा को तोड़ दिया।
रूस ने भारत की तरह क्या किया?
- गैर-पश्चिमी देशों से करीबी बढ़ाई: रूस अब भारत की नीति की तरह पश्चिमी दबाव से बचते हुए एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों के साथ संबंध मजबूत कर रहा है।
- डॉलर की बजाय अन्य मुद्राओं में व्यापार: भारत की तरह रूस भी अब डॉलर पर निर्भरता घटाकर स्थानीय मुद्राओं में लेन-देन कर रहा है।
- स्वतंत्र विदेश नीति: भारत की तरह रूस ने भी किसी एक ध्रुव पर झुकने के बजाय बहुपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दी है।
रूस की यह नीति कितनी सफल होगी?
रूस की इस रणनीति का असर आने वाले दिनों में और साफ होगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि पुतिन अब भारत की तरह संतुलित कूटनीति को अपनाकर वैश्विक शक्ति संतुलन को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अमेरिका और पश्चिमी देशों की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
रूस के इस कदम को भारत समेत कई देशों की दिलचस्पी से देखा जा रहा है। क्या यह नई नीति अमेरिका की वैश्विक पकड़ को कमजोर कर सकती है? यह देखने वाली बात होगी।