Amalaki Ekadashi 2025: जानें तिथि, महत्व, पूजाविधि और शुभ मुहूर्त
आमलकी एकादशी, जिसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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आमलकी एकादशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 10 मार्च 2025, सोमवार को रात्रि 11:47 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 12 मार्च 2025, बुधवार को 02:08 बजे
- व्रत पारण (द्वादशी तिथि) का समय: 12 मार्च 2025 को प्रातः 06:30 से 08:50 तक
आमलकी एकादशी का महत्व
- इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है।
- रंगभरी एकादशी के दिन काशी में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है।
- मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- जो लोग सच्चे मन से यह व्रत रखते हैं, उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है।
आमलकी एकादशी व्रत और पूजाविधि
- प्रातःकाल स्नान करके व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की गंध, पुष्प, दीपक और धूप से पूजा करें।
- आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर कथा और मंत्रों का जाप करें।
- दान-दक्षिणा और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना पुण्यदायी माना जाता है।
- अगले दिन द्वादशी को पारण कर व्रत समाप्त करें।
इस दिन क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:
✔ व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
✔ आंवले के पेड़ की पूजा करें।
✔ जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
❌ न करें:
✘ झूठ, गुस्सा और नकारात्मक विचारों से बचें।
✘ लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन न करें।
✘ व्रत का मजाक या अपमान न करें।
आमलकी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ईश्वर की कृपा बनी रहती है।