नई दिल्ली: तंबाकू और सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने को लेकर सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है। फिलहाल, इन उत्पादों पर कुल 53% टैक्स लगाया जाता है, जिसमें 28% जीएसटी, 5% कंपनसेशन सेस और अन्य शुल्क शामिल हैं। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का मानना है कि यह टैक्स दर कम है और इसे 75% तक बढ़ाने की जरूरत है।
WHO की सिफारिश से कितनी बढ़ेगी कीमत?
WHO का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाने से उनकी कीमतें बढ़ेंगी, जिससे लोग इनका कम उपयोग करेंगे। अगर सरकार WHO की सिफारिशों को मान लेती है और टैक्स को 75% तक बढ़ा देती है, तो सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है।
- अगर 10 रुपये की सिगरेट पर टैक्स बढ़ता है, तो उसकी कीमत 17.50 रुपये तक हो सकती है।
- उपभोक्ताओं को डेढ़ से दो गुना ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
- सरकार को तंबाकू से होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
सरकार की रणनीति क्या है?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार 2026 में खत्म होने वाले कंपनसेशन सेस के बाद तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना बना रही है। इस पर दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है:
- जीएसटी दर को 40% तक बढ़ाना – सरकार तंबाकू उत्पादों को जीएसटी की सबसे ऊंची स्लैब में डाल सकती है और इसके ऊपर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी लगाया जा सकता है।
- हेल्थ सेस लगाना – सरकार एक अलग स्वास्थ्य उपकर (सेस) लगाने पर विचार कर रही है, लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच इस पर सहमति नहीं बन पा रही है।
बढ़ेगा टैक्स, घटेगा तंबाकू का उपयोग?
विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स बढ़ाने से तंबाकू उत्पादों की खपत में कमी आएगी और इससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, इसका अप्रत्यक्ष असर तंबाकू उद्योग पर भी पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या अंतिम फैसला लेती है और इसका आम उपभोक्ताओं पर कैसा असर पड़ता है।