महाशिवरात्रि 2025 एक खास ज्योतिषीय संयोग के साथ आ रही है। इस बार 149 साल बाद महासंयोग बन रहा है, जिससे भगवान शिव की कृपा पाने और शनि की पीड़ा से मुक्ति पाने का यह एक दुर्लभ अवसर होगा।
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग पर विशेष पूजन करते हैं।
149 साल बाद बन रहा दुर्लभ महासंयोग
2025 में महाशिवरात्रि पर शनि, बुध, सूर्य और चंद्रमा कुंभ राशि में एक साथ होंगे। कुंभ राशि भगवान शिव की प्रिय राशि मानी जाती है और जब चार ग्रह इस राशि में एकत्रित होते हैं, तो यह एक दुर्लभ और शुभ योग बनता है। इस संयोग में शिव पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है।
शनि की पीड़ा से मुक्ति पाने के उपाय
जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैया या शनि दोष है, उन्हें इस महाशिवरात्रि पर कुछ विशेष उपाय करने चाहिए—
- शिवलिंग पर काले तिल, जल और दूध चढ़ाएं।
- महामृत्युंजय मंत्र (“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…”) का 108 बार जाप करें।
- शनि देव के बीज मंत्र (“ॐ शं शनैश्चराय नमः”) का जाप करें।
- शनिवार के दिन काले तिल, सरसों का तेल और उड़द दाल का दान करें।
- गरीबों को कंबल, भोजन और जरूरत की चीजें दान करें।
- हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव पूजन?
- व्रत रखें और पूरे दिन फलाहार करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग और शहद अर्पित करें।
- रुद्राभिषेक करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- रात्रि जागरण करें और शिव जी की कथा सुनें।
- सुबह व्रत का पारण करें और गरीबों को दान दें।
महाशिवरात्रि पर मिलने वाले लाभ
- शनि दोष से मुक्ति मिलेगी।
- कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होगी।
- आर्थिक तंगी और कर्ज से छुटकारा मिलेगा।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होंगी।
- शिव कृपा से मनोकामनाएं पूरी होंगी।
महाशिवरात्रि 2025 एक दुर्लभ अवसर है, जिसे चूकना नहीं चाहिए। शिव आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।