छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैंसा (Indian Wild Buffalo) है, जिसे वैज्ञानिक रूप से बुबालस अर्नेई (Bubalus arnee) कहा जाता है। इसे छत्तीसगढ़ सरकार ने राजकीय पशु के रूप में घोषित किया है, क्योंकि यह राज्य की जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
वन भैंसा की विशेषताएं:
- आकार: वन भैंसा का शरीर बड़ा और मजबूत होता है। नर का वजन लगभग 800 से 1200 किलोग्राम तक हो सकता है।
- सींग: इसके सींग लंबे और घुमावदार होते हैं, जो 2 मीटर तक लंबे हो सकते हैं।
- रंग: इसका शरीर गहरे भूरे या काले रंग का होता है।
- आवास: ये घने जंगलों, दलदली भूमि और घास के मैदानों में पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में ये मुख्य रूप से इंद्रावती टाइगर रिजर्व और आसपास के जंगलों में देखे जाते हैं।
- आहार: वन भैंसा शाकाहारी होता है और घास, पानी के पौधे, फल आदि खाता है।
- समूह जीवन: ये झुंड में रहते हैं, जिसमें 10-20 सदस्य हो सकते हैं। झुंड की अगुवाई आमतौर पर मादा करती है।
संरक्षण की आवश्यकता:
वन भैंसा को आईयूसीएन (IUCN) द्वारा संकटग्रस्त प्रजाति (Endangered Species) की श्रेणी में रखा गया है। इसका मुख्य कारण शिकार, आवास का विनाश और मनुष्यों के साथ संघर्ष है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे बचाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जैसे:
- संरक्षण योजनाएं चलाना।
- जंगलों को संरक्षित करना।
- जागरूकता अभियान चलाना।
सांस्कृतिक महत्व:
छत्तीसगढ़ में वन भैंसे को शक्ति, सामर्थ्य और प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक माना जाता है। यह स्थानीय समुदायों की पारंपरिक कथाओं और रीति-रिवाजों में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
पर्यटन:
छत्तीसगढ़ के जंगलों में वन भैंसे को देखने के लिए पर्यटक आते हैं, जो राज्य के पर्यटन और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देता है।