बिलासपुर। पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की वर्षों से लंबित नियमित भर्ती की प्रक्रिया अब शुरू होने की उम्मीद है। शुक्रवार को उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना (IAS) ने विश्वविद्यालय का निरीक्षण करते हुए कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 15 दिसंबर तक नए पदों की स्वीकृति का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद विश्वविद्यालय सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकेगा।
विश्वविद्यालय का निरीक्षण और विभागों का दौरा:
उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले स्टूडियो का दौरा किया, जहां रिकॉर्ड किए जा रहे वीडियो लेक्चर की जानकारी ली। उन्होंने स्टूडियो की गुणवत्ता की प्रशंसा की। इसके बाद लैब, स्मार्ट क्लासरूम, लाइब्रेरी, पुस्तक वितरण विभाग और योग विभाग का भी जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संपर्क कक्षाओं में मौजूद छात्रों से बातचीत की और उनके अनुभवों को समझा। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बंश गोपाल सिंह, कुलसचिव भुवन सिंह राज और विश्वविद्यालय के अधिकारी, प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित थे।
150 पदों की स्वीकृति का इंतजार:
कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले 19 वर्षों से मानसेवी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनका नियमितीकरण नहीं हुआ है। सचिव प्रसन्ना ने बताया कि विश्वविद्यालय ने स्व-वित्तीय आधार पर 150 पदों की स्वीकृति के लिए उच्च शिक्षा विभाग से अनुरोध किया है, जिसे वित्त विभाग को भेजा गया है।
नैक से मिले ए प्लस ग्रेड पर प्रशंसा:
सचिव ने विश्वविद्यालय को नैक द्वारा मिले ए प्लस ग्रेड के लिए बधाई दी और कहा कि यदि सभी प्राध्यापक, अधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर काम करें, तो यह विश्वविद्यालय जल्द ही देश के शीर्ष मुक्त विश्वविद्यालयों में गिना जाएगा।
200 मानसेवियों को राहत की उम्मीद:
मुक्त विश्वविद्यालय में वर्तमान में लगभग 200 मानसेवी समन्वयक, सहायक समन्वयक, कार्यक्रम समन्वयक आदि पदों पर कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों को अब नियमित नौकरी की उम्मीद है, जो लंबे समय से उनकी प्रमुख मांग रही है।
सचिव ने दिया समाधान का भरोसा:
शुक्रवार को ही उच्च शिक्षा सचिव ने छत्तीसगढ़ शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक अधिकारी संघ के साथ भी बैठक की। इस दौरान संघ ने लंबित मांगों जैसे पदोन्नति और सातवें वेतनमान के एरियर का मुद्दा उठाया। सचिव ने इन मुद्दों पर सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा देते हुए एक माह के भीतर समाधान का आश्वासन दिया।
यह कदम विश्वविद्यालय प्रशासन और कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।