इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कर्नल गिरीश चंदेल ने निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा के साथ शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र का सघन दौरा कर विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों की समीक्षा की। दौरे के दौरान कुलपति ने महाविद्यालय परिसर में स्थापित नवीन मशरूम उत्पादन इकाई का विधिवत उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने बालिका छात्रावास में चल रहे अतिरिक्त निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।
संगोष्ठी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कुलपति और निदेशक विस्तार सेवाएं ने केंद्र में संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। परिक्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के सह-निदेशक अनुसंधान डॉ. अश्वनी कुमार ठाकुर ने परियोजनाओं का संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण दिया। कुलपति ने अनुसंधान कार्यों को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए तथा इंद्रावती धान एवं बस्तर धान किस्मों की लोकप्रियता बढ़ाने, सत्य प्रतिरूप बीज उत्पादन और वितरण का लक्ष्य निर्धारित करने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने मिलेट्स परियोजना के अंतर्गत ‘चीना’ फसल के क्षेत्र विस्तार, किसानों को प्रशिक्षण और अनुसंधान को गति देने पर भी दिशा-निर्देश दिए। काजू की स्थानीय उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र को सक्रिय प्रयास करने प्रेरित किया गया। निदेशक विस्तार सेवाओं ने काजू एवं ट्यूबर फसलों की उन्नत किस्मों के प्रसार के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
बैठक में राई-सरसों, शुष्क खेती और नारियल परियोजना के अंतर्गत प्रचलित अनुसंधानों की भी समीक्षा की गई। बस्तर के सूखे पठारी क्षेत्रों में शुष्क खेती की तकनीकों के विस्तार पर जोर दिया गया। नारियल के सूखे खोल से बायोचार उत्पादन को प्रोत्साहित करने और क्षेत्र विस्तार हेतु सघन मॉडल तैयार करने के सुझाव भी दिए गए।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. रघुनाथ सिंह नेताम ने शैक्षणिक एवं विस्तार गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिस पर कुलपति ने संतोष व्यक्त करते हुए शोध और शिक्षण में और सुधार लाने संबंधी सुझाव दिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोनाली कर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास रामटेके द्वारा किया गया।
भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन, 26 नवंबर को कुलपति और निदेशक विस्तार सेवाएं ने विभिन्न अनुसंधान प्रक्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने वैज्ञानिकों को अनुसंधान में नवाचार लाने की प्रेरणा दी तथा बालक एवं बालिका छात्रावासों का निरीक्षण कर छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित किया। अधिकारियों ने छात्रों की समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश भी दिए।
