भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के न्यायाधीश बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होकर जस्टिस सूर्यकांत को शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने एक्स पर लिखा—
“भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ।”
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख के रूप में उनके लगभग 15 महीने के कार्यकाल की शुरुआत हो गई।
शपथ समारोह में मौजूद रही दिग्गज हस्तियाँ
कार्यक्रम में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने उपस्थिति दर्ज कराई—
- उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
- पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
- गृह मंत्री अमित शाह
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
- सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
इसके साथ ही भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के न्यायिक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहे, जो समारोह को अंतरराष्ट्रीय महत्व प्रदान करता है।
शपथ के बाद भावुक क्षण
शपथ लेने के तुरंत बाद जस्टिस सूर्यकांत ने अपने परिवार के वरिष्ठ सदस्यों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
इस भावुक और पारंपरिक क्षण ने समारोह को और भी खास बना दिया।
कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
- जन्म: 10 फरवरी 1962, हिसार (हरियाणा)
- पृष्ठभूमि: एक छोटे शहर के व्यवसायी परिवार से निकलकर देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुँचे
- पूर्व पद:
- मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
- जज, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट
महत्वपूर्ण फैसले जिनसे बनी पहचान
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस सूर्यकांत कई बड़े मुद्दों पर अहम निर्णय दे चुके हैं—
- अनुच्छेद 370
- पेगासस स्पाइवेयर मामला
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- नागरिकता संबंधी प्रकरण
- मतदाता सूची सुधार
उनकी सख़्त न्यायिक शैली और संतुलित दृष्टिकोण के कारण वे न्यायपालिका में एक सम्मानित नाम बन चुके हैं।
किनका स्थान लिया?
वे जस्टिस भूषण आर. गवई के स्थान पर मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
उनकी नियुक्ति निवर्तमान CJI की अनुशंसा पर संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत की गई।
भारत के न्यायिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण क्षण है।
जस्टिस सूर्यकांत से उम्मीद है कि वे न्यायपालिका की पारदर्शिता, लोगों के अधिकारों की रक्षा और न्यायिक सुधारों को नई दिशा देंगे।
