तिल्दा। छत्तीसगढ़ के विख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खूबचंद बघेल जी का नाम प्रदेश के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके सम्मान में तिल्दा में स्थापित खूबचंद बघेल चौक आज वर्षों से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। चौक की मौजूदा स्थिति बेहद खराब और जर्जर हो चुकी है, जिसके कारण स्थानीय नागरिकों में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।
स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बघेल जी जैसे महापुरुषों के नाम पर बने स्थलों की ऐसी दयनीय हालत न केवल दुखद है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और ऐतिहासिक मूल्यों के संरक्षण पर भी सवाल खड़े करती है। स्थानीय नागरिकों व सामाजिक संगठनों ने चौक के मरम्मत व सौंदर्यीकरण की मांग कई बार शासन–प्रशासन से की है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल सामने नहीं आई है।
नागरिकों का सवाल है कि छत्तीसगढ़ शासन आखिर कब इस महत्वपूर्ण स्थल की सुध लेगा?
इतिहास और स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले महापुरुषों के नाम से जुड़े स्थानों का संरक्षण शासन की जिम्मेदारी है।
साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी अन्य महापुरुष से तुलना करना उद्देश्य नहीं है, क्योंकि ऐसी तुलना अनावश्यक विवाद को जन्म देती है और कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। उद्देश्य केवल इतना है कि खूबचंद बघेल जी के सम्मान में बने इस चौक को उसकी गरिमा के अनुरूप विकसित किया जाए।
