प्रदेश के स्कूली शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि राष्ट्र और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण आधार है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ठोस रणनीति के साथ कार्य कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही सामने आएंगे।
श्री यादव ने यह बातें गुरूर स्थित शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्मित शाला भवन के लोकार्पण अवसर पर कहीं। यह भवन 1 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। इस मौके पर उन्होंने गुरूर शाला परिसर में डोम सहित कला मंच, साइकिल स्टैंड और प्रार्थना स्थल में डोम निर्माण की घोषणा की। साथ ही स्वामी आत्मानंद शासकीय कन्या उत्कृष्ट विद्यालय गुरूर के प्रार्थना स्थल में भी डोम निर्माण की घोषणा की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों की अनिवार्य परीक्षा आयोजित की जाएगी। वहीं, कक्षा 9वीं से 12वीं तक सभी विद्यालयों में ई-कक्षाओं का संचालन अनिवार्य रूप से होगा।
उन्होंने बताया कि नालंदा परिसरों के माध्यम से न सिर्फ स्कूली बच्चों को बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को भी ई-कोचिंग की उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। गुजरात मॉडल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसरो के सैटेलाइट से वहाँ दूरस्थ क्षेत्रों में भी अध्यापन कराया जा रहा है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का प्रयास हो रहा है।
कार्यक्रम में स्काउट-गाइड के विद्यार्थियों ने आकर्षक मार्च पास्ट प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर, उपाध्यक्ष श्री तोमन साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री प्रदीप साहू, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री यशवंत जैन, श्री चेमन देशमुख, पूर्व विधायक श्री प्रीतम साहू और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री राकेश यादव सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, शिक्षक, छात्र-छात्राएँ एवं नागरिक उपस्थित रहे।