मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच हुए त्रिपक्षीय एमओयू के साक्षी बने। इस समझौते के तहत प्रदेश में “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो 2027-28 तक पूरी तरह क्रियाशील होगा।

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने इस परियोजना के लिए आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर को कुल 172 करोड़ रुपये का योगदान देने की घोषणा की। इसमें आईआईएम रायपुर में “ओसवाल छात्रावास” व “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर” का निर्माण और छह अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रमों की शुरुआत शामिल है। वहीं एनआईटी रायपुर में डीप-टेक क्षेत्रों के लिए “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित होगा, जो 2030 तक 10,000 युवाओं को प्रशिक्षण देगा, 250 स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करेगा और 5,000 से अधिक नौकरियां सृजित करेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह पहल “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” को साकार करेगी और शिक्षा, कौशल विकास व नवाचार की क्रांति गांव-गांव तक पहुंचेगी। उन्होंने जोर दिया कि छत्तीसगढ़ संसाधन-आधारित नहीं बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा।
फाउंडेशन के चेयरमैन श्री रामदेव अग्रवाल ने कार्यक्रम में रायपुर में किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
