नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच मजबूत कूटनीतिक रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मॉस्को में घोषणा की कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करेंगे। डोभाल ने मॉस्को में रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के साथ मुलाकात के दौरान यह जानकारी दी। हालांकि, यात्रा की तारीखों को लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह दौरा 2025 के अंत तक हो सकता है।
भारत-रूस संबंधों को मिलेगी नई मजबूती
अजीत डोभाल ने मॉस्को में अपने बयान में कहा, “भारत और रूस के बीच विशेष और ऐतिहासिक रिश्ते हैं, जिन्हें हम बेहद महत्व देते हैं। हमारी रणनीतिक साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है। उच्च-स्तरीय संवादों ने हमारे संबंधों को और मजबूत किया है। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा को लेकर हम उत्साहित और प्रसन्न हैं। मुझे लगता है कि इस दौरे की तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं।” यह दौरा दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।
अमेरिकी टैरिफ के बीच दौरा महत्वपूर्ण
पुतिन का यह प्रस्तावित दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत के रूसी तेल आयात को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू किया है, जिससे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के रूसी तेल खरीद को रूस-यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने वाला बताया है। इसके बावजूद, भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूसी तेल आयात को बाजार आधारित और राष्ट्रीय हित में जरूरी बताया है। डोभाल की मॉस्को यात्रा और पुतिन के भारत दौरे की घोषणा भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाती है।
मॉस्को में डोभाल की उच्च-स्तरीय चर्चा
NSA डोभाल ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के साथ मुलाकात की। इस दौरान रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, और S-400 मिसाइल सिस्टम की बची हुई डिलीवरी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। डोभाल ने रूस-यूक्रेन युद्ध और अफगानिस्तान में तालिबान को मान्यता देने जैसे मुद्दों पर भी बात की। यह मुलाकात भारत-रूस के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2024 में मॉस्को यात्रा के दौरान पुतिन को न्योता दिया था।
भारत-रूस की ऐतिहासिक दोस्ती
भारत और रूस के बीच शीत युद्ध के समय से चली आ रही दोस्ती आज भी मजबूत है। रूस भारत का प्रमुख रक्षा और ऊर्जा साझेदार है। 2023 के मध्य तक भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन चुका है, जो उसकी कुल कच्चे तेल की आपूर्ति का लगभग आधा हिस्सा है। डोभाल ने अपने बयान में इस रिश्ते को ‘समय की कसौटी पर खरा’ बताया और कहा कि पुतिन का दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खोलेगा।