रायपुर। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे “संपूर्णता अभियान” में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों और विकासखंडों को आज सम्मानित किया गया। रायपुर स्थित नवीन विश्राम भवन में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले बस्तर और कोंडागांव जिलों सहित छह विकासखंडों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि “विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs)” को विकास की मुख्यधारा में लाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
तीन महीने चला था विशेष अभियान
जुलाई से सितम्बर 2024 के बीच चलाए गए इस विशेष अभियान में आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वसहायता समूह, कृषि और बुनियादी सुविधाओं जैसे छह प्रमुख संकेतकों पर प्रदर्शन के आधार पर परखा गया। सभी छह संकेतकों में लक्ष्य प्राप्त करने वालों को स्वर्ण, पांच में रजत, चार में कांस्य और तीन में ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।
इन जिलों और विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक
- आकांक्षी जिले: बस्तर, कोंडागांव
- विकासखंड: शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा, प्रतापपुर
अन्य सम्मानित जिलों और विकासखंडों की सूची
- रजत पदक: दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर (जिले); लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा, पिथौरा (विकासखंड)
- कांस्य पदक: बीजापुर (जिला); गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल, कुआंकोंडा (विकासखंड)
- ताम्र पदक: मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा (जिले); अंबागढ़ चौकी (विकासखंड)
मुख्यमंत्री साय ने कही ये बातें
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ आंकड़ों में सुधार नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन में बदलाव लाना है। विशेष पिछड़ी जनजातियां अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, और हमें उनके लिए और तेज़ी से काम करना होगा।”
उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि किस तरह ये सुदूर इलाकों तक विकास पहुंचाने में मददगार हो रहे हैं।
उपमुख्यमंत्रियों और अधिकारियों ने भी रखे विचार
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि “2018 से शुरू हुई आकांक्षी जिला योजना के तहत आज ये जिले देश में विकास की नई मिसाल बन रहे हैं।” उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मानवीय सूचकांकों को संतृप्त करने की दिशा में विभागों की गंभीरता को सराहा। मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सचिव अंकित आनंद ने अभियान की विस्तृत जानकारी दी।
किन संकेतकों पर दिया गया विशेष ध्यान?
- गर्भवती महिलाओं का ANC पंजीकरण
- पूरक पोषण ले रहीं महिलाएं
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण
- पूर्ण टीकाकरण
- बिजलीयुक्त स्कूल
- सत्र प्रारंभ के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें वितरण
इनके अतिरिक्त मधुमेह व उच्च रक्तचाप जांच, स्वसहायता समूहों को परिक्रामी निधि और अन्य सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर भी निगरानी रखी गई।