रायपुर। मानसून से पहले छत्तीसगढ़ में संभावित बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए गठित उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की अहम बैठक शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रीमती ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बाढ़ के दौरान राहत कार्य, शिविरों की स्थापना और प्रभावित क्षेत्रों के लिए तैयारियों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने सभी जिलों के कलेक्टरों और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्षों को भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार राहत और बचाव कार्य के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य में मानसून जून महीने में सक्रिय होने की संभावना जताई गई है, जिसके मद्देनजर सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है।
राज्य में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 और फैक्स 0771-2223472 है। इसके अतिरिक्त 0771-2221242 पर भी संपर्क किया जा सकता है। जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री जैसे खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाइयां और चिकित्सा दलों की तैनाती की व्यवस्था करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल स्रोतों के पास साफ-सफाई और ब्लिचिंग पाउडर की व्यवस्था करने को कहा गया है। साथ ही बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत शिविर बनाने की योजना भी बनाई जाएगी।
श्रीमती शर्मा ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी की जाए और इनमें रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। नदियों के जल स्तर की सतत निगरानी रखने और जलाशयों के कंट्रोल रूम से समय-समय पर शासन को जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए हैं। जल निकासी के लिए बांधों से पानी छोड़ने की स्थिति में निचले जिलों और सीमावर्ती राज्यों को 12 घंटे पूर्व सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आयुक्त मनरेगा श्री तारण प्रकाश सिन्हा सहित गृह, स्वास्थ्य, पंचायत, वित्त, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगर सेना, नागरिक सुरक्षा, रेलवे, दूरदर्शन, रेडक्रॉस सोसायटी, मौसम विज्ञान और बीएसएनएल के अधिकारी शामिल हुए।